पर्यटकों के लिए ये पैनोरमा सितम्बर 2018 में खोला गया। यहां पर पन्नाधाय की जीवन गाथा से जुडे स्टेच्यू मॉडल एवं फ्रेम हैं। जिसमें कुंवर उदय सिंह व चन्दन का शस्त्र अभ्यास, विक्रमादित्य व उदयसिंह का पुन: चित्तौड़ आगमन, पन्ना के पति सुरलमल की युद्ध में वीरगति, मेवाड़ एवं बहादुरशाह की सेना के बीच युद्ध, महारानी कर्मवती का चित्तौड़ में जौहर करना, कुंवर उदयसिंह की रक्षा का वचन देतु हुए पन्नाधाय, महारानी कर्मवती ने भेजी हूमायूं को राखी।