राजसमंद. जिले में पालनहार योजना के तहत जरूरमंद, अनाथ और बेसहारा बच्चों को जोडऩे का काम तेजी से जारी है। जिला कलक्टर की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक अक्टूबर से सात नवम्बर तक 250 से अधिक नए पालनहार योजना के तहत जोड़े गए। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की ओर से अधिक से अधिक पात्र एवं वंचित बच्चों को पालनहार योजना से जोडऩे के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से एक अप्रेल से 30 सितंबर तक के बीच 301 पालनहार स्वीकृत कर कुल 538 बच्चों को लाभान्वित किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत केवल एक माह यानि 1 अक्टूबर से 7 नवंबर तक, 250 से अधिक नए पालनहार स्वीकृत किए गए हैं, जिससे 430 अतिरिक्त बच्चों को योजना का लाभ मिला है, यह आंकड़ा सोमवार तक 500 पहुंचने की उम्मीद है। विभाग के कार्मिक छुट्टी वाले दिन भी फॉर्म निस्तारित करने में जुटे हैं।
पालनहार में इस तरह मिलता लाभ
पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीडि़त माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माताध्यिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति की संतान पात्र होती है।
यह मिलती राशि
अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाते हैं।
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