राजसमंद. देश की सबसे प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को कोरोना के बाद नया जीवन मिला है। इसके बाद से आमजन का रूझान आयुर्वेद की ओर फिर से बढ़ा है और बढ़ता ही जा रहा है। इसके बावजूद आयुर्वेद विभाग और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण जिला मुख्यालय पर तीन किलोमीटर के दायरे में संचालित चार आयुर्वेद चिकित्सालय एवं औषधालय का लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है। इसका मुख्य कारण चिकित्सक नहीं हैं तो कहीं पर नर्सिग स्टाफ की कमी के साथ आनन-फानन में इन्हें खोला जाना माना जा रहा है। इन चारों का आउटडोर बामुश्किल 100 से भी कम है। ऐसे में इन चारों को मिलाकर एक बड़ा सर्वसुविधा युक्त चिकित्सालय बना दिया जाए तो आमजन लाभान्वित हो सकते हैं। राजस्थान पत्रिका की टीम ने आयुर्वेद के चारों चिकित्सालय और औषधालय की जानें हालात।
