👉 जिले में कहीं भी मौसम वैद्य शाला है नहीं
राजसमंद। जिले के मौसम संबंधी जानकारी अब नहीं मिलेगी, इसका मुख्य कारण नाकली में चल रहे प्रोजेक्ट का बंद होना है। इसके बंद होने के कारण जिले के मौसम की सटीक और सही जानकारी नहीं मिल सकेगी। इसके अलावा जिले में कहीं भी मौसम वैद्य शाला नहीं है। उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि विश्विद्यालय के तत्वावधान में इंडियन काउंसिंल एग्रीकलचर रिसर्च (आईसीएआर) के द्वारा 2012 से निकरा प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा था। इसके तहत अमलोई, नाकली, भाटोली और मैनपुरिया गांव को गोद ले रखा था। यहां पर मौसम परिवर्तन और कृषि संबंधी रिसर्च के लिए छोटी सी नाकली में मौसम वैद्य शाला बना रखी थी। इससे इसके आस-पास की जानकारी मिलती थी। सुबह 7.30 बजे और दोपहर में 2.30 बजे डाटा लिया जाता था। यहां से तापमान, बारिश, मौसम, फसलों संबंधी एजवाइजरी आदि जारी की जाती थी। इससे आमजन को मौसम की सटीक और सही जानकारी मिलती थी, लेकिन भारत सरकार ने फंड की कमी के चलते आईसीएआर के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है। इसके कारण पिछले कुछ दिनों से मौसम संबंधी जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसके कारण आमजन को भी परेशानी हो रही है।