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रिटायर हुए फिर भी विद्यालय लिया गोद, दस लाख खर्च कर बदल दी स्कूल की काया

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मनोहर आचार्य
पीपली आचार्यान. वर्तमान में विद्यालय के लिए समर्पित रहकर स्वयं की जेब से पैसा खर्च कर विद्यालय का चहुंमुखी विकास करवाकर खुश होने वाले शिक्षक कम देखने को मिलते हैं। लेकिन ये हकीकत है जिन्होंने अपने काम के दम पर सभी के दिलों में जगह बना ली और हमेशा के लिए अमर हो गए। ऐसा ही एक उदाहरण राउमावि पीपली आचार्यान के प्रधानाचार्य कांकरोली निवासी जीतेन्द्र कुमार सनाढय का है। जिन्होंने विद्यालय के लिए स्वयं द्वारा 10 लाख रुपए खर्च कर फर्नीचर, मरम्मत, खेल सामग्री, शिक्षण सामग्री, स्टेज निर्माण, पौधरोपण, ट्री गार्ड, किचन मरम्मत, बच्चों के झूले, रपस पट्टी, चिनिंग रोड, अलमारी, विद्यालय पुताई आदि कार्य करवाए। इससे विद्यालय की काया ही बदल गई।

जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ये करवाए काम
सनाढ्य ने खुद तो खर्च किया ही साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं से सम्पर्क कर राजकीय योजनाओं के द्वारा विद्यालय की हालत सुधारी है। यहां खेल मैदान, चार दीवारी, वॉलीबॉल खेल मैदान, विद्यालय में चार दीवारी, पांच कक्षा कक्ष, एक सभा भवन, टॉयलेट छात्र-छात्रा निर्माण, सोलर प्लांट, पीने के पानी का फ़िल्टर, एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग कक्ष 2, लहर कक्ष4, साइकिल स्टैंड एक, प्राथमिक कक्षाओं का फर्नीचर, ट्री गार्ड, अलमारी, कंप्यूटर, डिजिटल क्लास रूम तीन, इन्वर्टर तीन, स्टेज निर्माण प्रिंटर, कंप्यूटर एवं विभिन्न कार्य करवाए। जिनकी अनुमानित लागत ढाई करोड़ है।

​शिक्षक के भाई ने 50 हजार देने की घोषणा की जानकारी के अनुसार जीतेन्द्र कुमार सनाढय 31 अगस्त को सेवानिवृत हुए। इस दौरान ग्रामीणों ने भावुक मन से उन्हे विदाई दी। इस दौरान प्रधानाचार्य सनाढय के छोटे भाई सौमित्र कुमार सनाढय जो वर्तमान में जोधपुर आईआईटी में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन विभाग में प्रोफेसर एवं डीन हैं ने विद्यालय के लिए 50 हज़ार रुपए विकास कोष के लिए देने की घोषणा की। इधर विद्यालय के उप प्राचार्य छगनलाल पूर्बिया ने सेवानिवृत्त हो रहे प्रधानाचार्य सनाढय से विद्यालय को गोद लेने का निवेदन किया। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि जब भी विद्यालय को जरूरत पड़े वे इसके लिए हर समय तैयार रहेंगे।

👤 Rajsamand App
September 5, 2024

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One thought on “रिटायर हुए फिर भी विद्यालय लिया गोद, दस लाख खर्च कर बदल दी स्कूल की काया

  • Katja

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