नाथद्वारा. शहर के समीप गुंजोल में विगत कुछ दिनों से पैंथर की हलचल के चलते गत दिनों यहां पर लगाए गए पिंजरे में शनिवार को तडक़े एक मादा पैंथर पिंजरे में आ गई। इस पर उसे वन विभाग ने अपने कब्जे में लेकर नर्सरी में भिजवाया, जहां से बाद में जंगल में छोड़ा गया। शहर के समीप गुंजोल में एवं शहर के समीप के क्षेत्रों में विगत दिनों पैंथर की हलचल को लेकर ग्रामीणों की शिकायतें आ रही थीं। वहीं, पैंथर ग्रामीणों के पालतु पशुओं को भी आए दिन शिकार बना रहा था, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान का फायदा उठाना पड़ रहा था। वहीं, क्षेत्र में दशहत का माहौल भी बना हुआ था। इसको लेकर ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने गत दिनों यहां पैंथर को पकडऩे के लिए पिंजरा लगाया था। ऐसे में शनिवार तडक़े इस पिंजरें में एक मादा पैंथर कैद हो गया। इसकी सूचना लगने पर मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। ऐसे में पिंजरे के आसपास भी जबरदस्त भीड़ जुट जाने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और तुरंत पिंजरे को वहां से हटवाकर वन विभाग की नर्सरी में ले जाया गया। वन विभाग के अधिकारी देवेंद्र पुरोहित ने बताया कि लगभग 6 साल की मादा पैंथर पिंजरे में कैद हुई है। बताया कि बाद में पशु चिकित्सक से उसका उपचार करवाकर जंगल में छोड़ दिया।
पिछले एक माह में छठा पैंथर हुआ कैद
वन विभाग की ओर से राजसमंद मुख्यालय और नाथद्वारा से पिछले एक माह में छह पैंथर को रेस्क्यू कर चुका है। वन विभाग की ओर से सर्वाधिक पिपंलात्री और बोरज पंचायत क्षेत्र से पांच पैंथरों को रेस्क्यू किया गया है। इन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ा जा चुका है। पकड़े गए सभी पैंथर व्यस्क नर और मादा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई माह से आमजन पर लगातार हमलों के कारण लोगों में दहशत व्याप्त है। पैंथर तीन लोगों को मौत के घाट भी उतार चुका है।
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