राजसमंद। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले पोषाहार, टेक होम राशन के पैकेट और सैनेटरी नेपकीन वितरण में अब मनमानी और अनदेखी नहीं चलेगी। इसमें पारदर्शिता लाने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं। इसके तहत कार्यकर्ता को स्थानीय महिला जनप्रतिनधियों को जोड़ते हुए लाभार्थियों का ग्रुप बनाने के निर्देश दिए। लाभार्थियों के रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर और मोबाइल नबर इन्द्राज करना अनिवार्य है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को नाश्ता और गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसी प्रकार गर्भवर्ती/धात्री महिलाओं, 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को टेक होम राशन के पैकेट वितरित किए जाते हैं। विभाग की ओर से उक्त कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यकर्ता को लाभार्थियों का वाट्सअप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं।
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इसमें दो महिला जनप्रतिनिधियों को जोड़ना आवश्यक है। केन्द्र पर फर्म की ओर से पोषाहार पहुंचाने से एक दिन पहले सूचना दी जाती है। इसमें कट्टों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर कार्यकर्ता उसे प्राप्त करती है। इसके पश्चात तीन दिन तक उसके सत्यापन के लिए रखा जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जनप्रतिनिधि कभी भी उसका निरीक्षण कर सकते हैं। विभाग के अनुसार प्रत्येक माह की एक, 15 और एमसीएचएन दिवस पर लाभार्थियों को पोषाहार वितरण किया जाता है। इसी प्रकार सैनेटरी नेपकीन के लाभार्थियों का भी ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें अधिकांश जगह बन चुके है, जबकि कुछ जगह अभी ग्रुप बनाए जाने शेष है।
टेक होम राशन में यह मिलती है सामग्री
केन्द्रों पर फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया गर्भवती/धात्री महिलाओं को 1400 ग्राम, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों के लिए 480 ग्राम और कुपोषित बच्चे को 500 ग्राम दिया जाता है। इसी प्रकार फोर्टिफाइड मूंग दाल चावल खिचड़ी 1400 ग्राम, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे को 480 ग्राम एवं कुपोषित को 500 ग्राम, फोर्टिफाइड सादा गेहूं दलिया गर्भवती/धात्री महिलाओं को 700 ग्राम 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे को 540 ग्राम एवं कुपोषित को 1500 ग्राम दिया जाता है। इसी प्रकार फोर्टिफाइड बालाहार प्रिमिक्स में 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चे को 1375 ग्राम एवं कुपोषित को 1125 ग्राम के दो पाउच एवं अतिकुपोषित को 1550 ग्राम उपलब्ध कराया जाता है।
सभी को लिखा पत्र, आएगी पारदर्शिता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरक पोषाहार व सैनेटरी नेपकीन की प्राप्ति एवं वितरण व्यवस्था की सूचना जनप्रतिनधियों तक पहुंचाने के लिए ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें जनप्रनिधियों को भी शामिल किया है। इससे काम में पारदर्शिता आएगी। इसके लिए पत्र भी लिखा गया है। – जुबेर चिश्ती, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग राजसमंद
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