राजसमंद. शहर की प्यास बुझाने वाली राजसमंद झील में अब तक 77 फीसदी पानी की आवक हुई है, जबकि गोमती नदी और खारी फीडर से पानी की आवक जारी है। झील का जलस्तर 25.40 फीट से अधिक हो गया। जिले में मानसून की मेहरबानी के चलते 25 में से 24 जलाशय में पानी की आवक हुई है, जबकि चार जलाशय अभी भी ओवरफ्लो चल रहे हैं। जिले में इस बार मानसून मेहरबान रहा। इसके कारण जिले के अधिकांश तालाब में पानी की आवक होने से जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। कई जलाशय ओवरफ्लो हो गए हैं। जिले में मानसून की बारिश का दौर अब थमने लगा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मानसून की विदाई हो जाएगी। बारिश का दौर थमने से जलाशयों में पानी की आवक घटने लगी है। राजसमंद झील को भरने वाली गोमती नदी भी बामुश्किल 4-5 इंच ही चल रही है। हालांकि नंदसमंद में पानी की आवक जारी रहने के कारण खारी फीडर से झील में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। ऐसे में बारिश नहीं होने की स्थिति खारी फीडर के भी जल्द बंद होने की संभावना जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल बिपरजॉय तूफान के चलते गोमती नदी के चलने और खारी फीडर से भी पानी की अच्छी आवक होने के कारण राजसमंद झील छलकी थी।
यह जलाशय हो गए ओवरफ्लो
सिंचाई विभाग के अनुसार जिले के रेलमगरा का सांसेरा तालाब, देवगढ़ का कुंडली तालाब, कालाभाटा जलाशय, भोपालसागर, नीमझर, भीम टैक, भीम रपट, देहरिया जलाशय पूरी तरह से भर गया है। इसी क्रम में नंदसमंद, चिकलवास, कुंठवा वियर और बागेरी का नाका ओवरफ्लो चल रहा है।
औसत से अधिक बारिश, सर्वाधिक देवगढ़ में
मानसून की अच्छी बारिश के चलते औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है। जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 712 एमएम माना जाता है, जबकि एक जून से अब तक 785.91 एमएम बारिश हो चुकी है। इसमें सर्वाधिक बारिश देवगढ़ में 1148 एमएम हुई। इसके पश्चात नाथद्वारा 962 एमएम और सबसे कम राजसमंद तहसील में सिर्फ 606 एमएम बारिश दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि सावन माह सूखा निकला था, भादवे में झमाझम बारिश का दौर प्रारंभ हुआ था।
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