मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. एक साथ दो एकेडिमक प्रोग्राम की पढ़ाई करने को लेकर विश्वविद्यालय गंभीर नहीं है। इसको लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने चिंता जताई है। जानकारी के अनुसार अप्रैल 2022 में यूजीसी ने दो कोर्स एक साथ करने का फैसला किया था। इसको लेकर सितंबर माह में इसकी गाइड लाइन जारी की। यूजीसी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को दो वर्ष से अधिक समय बीत गया लेकिन अभी तक किसी भी विश्वविद्यालय ने इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया है। इसको लेकर यूजीसी के पास लगातार इस संदर्भ में शिकायतें आ रही है। ऐसे में विद्यार्थियां को दो कोर्स में एक साथ एडमिशन नहीं मिल पा रहा है।
ये वजह आ रही सामने
एडमिशन नहीं दिए जाने के बाद एक बात सामने आ रही है। वो ये की कभी माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा करवाने की बात की जाती है तो कभी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट न होने का कहकर एडमिशन करने से इनकार कर दिया जाता है। जिसके कारण विद्यार्थियां को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की गंभीरत को देखते हुए यूजीसी के सचिव प्रफेसर मनीष आर जोशी ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। उन्होंने देश में इन संस्थानों से स्पष्ट कहा है कि एक ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि छात्र को दो कोर्स में दाखिला लेने में परेशानी ना हो।
… तो कामयाब नहीं होगा यूजीसी का मकद
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि यदि माइग्रेशन सर्टिफिकेट न होने पर छात्र को दूसरे कोर्स में दाखिला नहीं दिया जाता है, तो दो डिग्री कोर्स का मकसद कामयाब नहीं हो पाएगा। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन दो वर्ष से ज्यादा समय बीतने पर भी इस गाइडलाइन को लागू नहीं किया है। इसको लेकर यूजीसी प्रशासन बेहद गंभीर है।
विश्वविद्यालयों को चेताया
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने यूनिवर्सिटीज को आगाह किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत लागू किए जा रहे शिक्षा सुधारों को लागू करना ही होगा। विश्वविद्यालयों को चेतावनी भी दी है कि यदि वे ऐसा हनीं करते हैं तो उनकी लापरवाही मानते हुए उनसे जवाब-तलब किया जाएगा।
एक ही समय एक साथ किए दोनों ही कोर्स वैध रहेंगे
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस व्यवस्था के साथ एक ही समय एक साथ किए दोनों ही कोर्स वैध रहेंगे। अभी तक की व्यवस्था में ऐसा नहीं था। एक समय में एक ही कोर्स वैधता थी। साथ ही उसे ही करने की अनुमति थी। आस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित दुनिया के दूसरे देशों के उच्च शिक्षण संस्थान पहले से ही ऐसे कोर्स संचालित कर रहे हैं। गौरतलब है कि यूजीसी ने इससे जुड़ा ड्राफ्ट अप्रैल में ही जारी किया था, जिसे बाद में शिक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी थी।
2012 की गई थी पहल, बताई थी ये समस्या
एकसाथ दो डिग्री पूरा करने का ये मुद्दा पहली बार नहीं उठा है। इससे पहले 2012 में भी यूजीसी ने एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की अध्यक्षता हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वीसी फुरक़ानक़मर कर रहे थे। उन्होंने यूजीसी को दिए सुझाव में कहा गया था कि रेगुलर मोड में पढ़ाई कर स्टूडेंट को एक अतिरिक्त डिग्री लेने की छूट होनी चाहिए। दूसरी डिग्री ओपेन या डिस्टेंस मोड में उसी या किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से भी हो सकती है। लेकिन एक साथ रेगुलर मोड में दो डिग्री पूरी करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे एकेडमिक और एडमिनिस्ट्रेटिव, दोनों तरह की समस्याएं हो सकती हैं। उस समय इन सुझावों को ज्यादा समर्थन नहीं मिल पाया था। इसलिए इस गाइडलाइन पर काम नहीं हो सका था। 2019 में एक समिति बनाई थी। इस समिति का काम ये पता करना था कि अलग-अलग यूनिवर्सिटी में या फिर एक ही यूनिवर्सिटी में, ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड या पार्ट टाइम मोड में किस तरह से एकसाथ दो डिग्री पूरी की जा सकती है।