मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद विद्यार्थियों को स्कूल में अपनी उपिस्थति दर्ज करानी ही होगी। निर्देश में स्पष्ट किया है कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। यदि कोई छात्र इस मानदंड को पूरा नहीं करता है तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
25 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान
हालांकि, सीबीएसई ने विशेष परिस्थितियों में 25 प्रतिशत की छूट देने का भी प्रावधान रखा है। ये छूट उन छात्रों को दी जा रही है जो चिकित्सा आपात स्थिति में है। या राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी निभा रहे हैं या फिर अन्य गंभीर कारणों से अनुपस्थित नहीं हो पाए हैं। इस प्रकार के मामलों में भी संबंधित छात्र को इससे जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। ताकि इसी के आधार पर ही उसे छूट दी जा सके।
उपस्थिति रिकॉर्ड का नियमित रखना होगा ध्यान
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड नियमित रूप से संधारित करें और इस रिकॉर्ड को सही तरीके से अपडेट करते रहें। इस रजिस्टर पर कक्षा शिक्षक और स्कूल अधिकारियों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। जब भी विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा। उस समय ये रजिस्टर मौके पर उपलब्ध रहना अनिवार्य है इसके अलावा, ये रजिस्टर किसी भी समय निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।
डमी स्कूलों पर होगी सख्त कार्रवाई
डमी स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को लेकर सीबीएसई बोर्ड ने योजना बनाई है। ये ऐसे संस्थान हैं जहां पर छात्रों की उपस्थिति बिना उपस्थित हुए दर्ज की जाती है। ऐसे स्कूलों में कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। हाल ही में सीबीएसई ने देश में ऐसे स्कूलों पर छापे मारे हैं और गड़बड़ियों के पाए जाने पर उन्हें नोटिस जारी किया है।
उपस्थिति में मिली गड़बड़ी तो स्कूल की मान्यता रद्द
सीबीएसई की ओर से जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट किया है कि वो स्कूलों का औचक निरीक्षण कर छात्रों की उपस्थिति की जांच कभी भी कर सकता है। उपस्थिति रिकॉर्ड सही नहीं मिलने या फिर छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित नहीं करता है, तो स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है। यही नहीं ऐसा पाए जाने की िस्थति में छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।
शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में कदम
इस नई नीति का उद्देश्य छात्रों को नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित करना और शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को बढ़ाना है। सीबीएसई ने सभी छात्रों और स्कूलों को उनकी ओर से दिए गए दिशा-निर्देश की पालन करने की अपील की है। ऐसा करने पर छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे और अपनी शैक्षणिक यात्रा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकेंगे।