राजसमंद. देवगढ़ महल के आसमान में मंगलवार को एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जिसमें दुनिया की सबसे तेज उड़ने वाली चिड़िया अल्पाइन स्विफ्ट (Alpine Swift) उड़ती हुई दिखाई दी। पक्षी प्रेमी देवगढ़ पूर्व राजघराने के वीरभद्र सिंह ने बताया कि यह चिड़िया 200 दिनों की लंबी यात्रा करके स्वीटजरलैंड से साउथ अफ्रीका (south africa) तक जाती है। वहीं, मंगलवार को नगर में महल के ऊपर उड़ती हुई दिखाई दी। अल्पाइन स्विफ्ट अपनी तेज गति और लंबी दूरी की उड़ान के लिए जानी जाती है। यह चिड़िया हवा में ही सोती और खाती है और बिना रुके हजारों किलोमीटर का सफर तय कर सकती है। देवगढ़ महल के ऊपर इस दुर्लभ चिड़िया का दिखाई देना स्थानीय लोगों के लिए खुशी की बात है।
उन्होंने बताया कि अल्पाइन स्विफ्ट (Alpine Swift) अन्य स्विफ्ट से लगभग दोगुना बड़ी होती है। उड़ान में यह अक्सर एक छोटे बाज़ जैसी दिखती है। दस उप-प्रजातियां दक्षिणी यूरोप में पुर्तगाल से बुल्गारिया, उप-सहारा अफ़्रीका, मेडागास्कर और भारत तक विस्तृत क्षेत्र में पाई जाती है। अल्पाइन स्विफ्ट अपना अधिकांश जीवन हवा में उड़ते हुए बिताती है। यह चट्टानों और पहाड़ों पर घोंसला बनाती है, लेकिन ऊंची इमारतों पर भी यह आमतौर पर हर साल उसी घोंसले के स्थान पर लौटती है। यह प्रजाति वैश्विक रूप से खतरे में नहीं है, लेकिन घोंसले बनाने वाले पक्षी खराब मौसम के प्रति संवेदनशील है।
इतनी होती है लंबाई, जैतून और भूरे रंग का सिर
पक्षी प्रेमी सिंह ने बताया कि इस पक्षी की लंबाई 20-22 सेमी., पंख फैलाव 53 सेमी. एवं वजन 76-120 ग्राम हैं। अल्पाइन स्विफ्ट में जैतून-भूरे रंग का सिर और ऊपरी भाग, वक्ष पट्टी, निचले पंख, पार्श्व भाग और निचली पूंछ-आवरण होते हैं। ठोड़ी, गला और पेट सफेद होते हैं, बाद वाला एक बड़ा अंडाकार सफेद धब्बा बनाता है, जो उड़ान में स्पष्ट दिखाई देता है।
लंबे, दरांती जैसे पंख ग्लाइडिंग क्रिया को अनुकूल बनाते हैं और फड़फड़ातीउड़ान के दौरान फायदेमंद होते हैं। पूंछ थोड़ी सी कांटेदार होती है और जब पक्षी खड़ी चट्टान की सतह पर चिपकता है तो इसका उपयोग सहारे के रूप में किया जाता है। छोटी चोंच काले रंग की होती है, जिसमें बहुत बड़ा गैप होता है, जिससे कीड़ों को हवाई रूप से पकड़ना आसान होता है। आंखें गहरे भूरे रंग की होती हैं, जो आंख के सामने स्थित मोटे बाल जैसे पंखों से सुरक्षित होती हैं।