राजसमंद. मारवाड़ के ऊंट पशुपालक इन दिनों फिर से अपने ऊंट रेवड़ के साथ मालवा की ओर रवाना हो चुके हैं। दर्जनों ऊंटों के साथ परिवार के सदस्य, महिलाएं, पुरुष, जवान और बच्चे सभी इस यात्रा में शामिल हैं। ऊंटों पर रहने, खाने, पीने का सामान लाद रखा है और छोटे बच्चे भी ऊंटों पर बैठे हुए हैं।यह पारंपरिक प्रवास हर साल मारवाड़ से मालवा तक होता है, जिसमें ऊंट पशुपालक अपने पशुओं के साथ चरागाहों की तलाश में निकलते हैं।
इस यात्रा में वे अपने परिवार के साथ-साथ अपने पशुओं का भी ध्यान रखते हैं। आमेट क्षेत्र से गुजरते हुए ऊंटों का यह रेवड़ आकर्षक दृश्य के रूप में नजर आया। ऊंटों पर लादे सामान और परिवार के सदस्यों की गतिविधियां इस दृश्य को और भी रोचक बना दिया। ये समूह जिस भी रास्ते से होकर गुजरा। हर कोई इसे देखता ही रह गया। ये नजारा इतना आकर्षक था कि हर कोई दंग रह गया। पशुओं के धीरे-धीरे बढ़ते ये कदम मानों एकरूपता का संदेश दे रहे थे। इसके साथ पशुपालकों के सधे कदम भी इनके साथ गतंव्य की ओर आगे बढ़ रहे थे। या यूं कहा जा सकता है कि ये पशुपालकों का पारंपिक प्रवास है। जिसे काटकर ये वापस अपने घर लौटेंगे।