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नहर खोली लेकिन सफाई नहीं होने के कारण फिर व्यर्थ बहा पानी…पढ़े पूरी खबर

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राजसमंद. राजसमंद झील से निकलने वाली दायीं नहर बुधवार को खोली गई। नहर में पानी का प्रेशर बढ़ाते ही ओवरफ्लो होकर पानी रोड पर बहने लगा। इस पर तुरंत पानी का प्रेशर कम करवाकर जेसीबी से कचरा निकलवाया गया। इसके बाद सुचारू रूप से नहर में पानी छोड़ा गया। बायीं नहर शुक्रवार को खोली जाएगी। राजसमंद झील से दायीं और बायीं नहर निकल रही है। शहर के सलूस रोड स्थित दायीं नहर के मुख्य वॉल की पूजा-अर्चना कर बुधवार को खोला गया। पानी का बहाव शुरू होने के कुछ देर बाद उसे तेज किया गया। पानी का प्रेशर बढ़ते ही कचरा अटकने से पानी ओवरफ्लो होकर जल चक्की की तरफ बहने लगा। ऐसे में तुरंत मौके पर मौजूद सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने पानी का प्रेशर को कम करवाया और जेसीबी से अटके कचरे को निकाला, जिसके बाद पानी का बहाव सुचारू रूप से चलता रहा। इरिगेशन स्थित सलूस से निकलने वाली बायीं नहर को को शुक्रवार को पूजा-अर्चना के बाद खोला जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजसमंद झील में गोमती और ्रखारी फीडर से पानी की आवक अच्छी होने के कारण झील का जलस्तर 28 फीट पहुंचा है, जबकि झील की भराव क्षमता 30 फीट है।

नहर का पानी इन गांवों में आएगा काम

दायीं नहर का पानी धोईंदा जाएगा। वहां से नौगामा, एमडी, भटखेड़ा, नादौली, मेड़तिया गांव में जाएगा। इसी प्रकार दूसरी नहर से कांकरोली, भीरभानजी का खेड़ा, केरोट और मोही पहुंचेगा। उक्त पानी से रबी की बुवाई के लिए खेतों को तैयार किया जाएगा। इससे अब बुवाई में तेजी आने की उम्मीद है। दायीं नहर से 32 दिनों तक पानी दिया जाएगा, वहीं बायीं नहर 28 दिनों तक चलेगी। इससे कुंवारिया तक पानी जाता है।

17 फीट पानी दिया जाएगा सिंचाई के लिए

झील का वर्तमान जल स्तर 28 फीट करीब है। जल वितरण समिति की बैठक में एक रेलणी और तीन पाण सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में 17 फीट पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। झील का जलस्तर 11 फीट आने पर नहरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि झील में दो साल का पानी पीने के लिए रिजर्व रखा जाता है। झील से शहर में पेयजल सप्लाई के साथ जे.के.फैक्ट्री को भी दिया जाता है।

रबी की बुवाई में अब आएगी तेजी

जिले में कृषि विभाग की ओर से 62 हजार हैक्टेयर में रबी की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अब तक 8 हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। नहरों के खुलने के साथ ही बुवाई में तेजी आएगी। सर्वाधिक गेहूं की 38 हजार हैक्टेयर में बुवाई होगी। अब तक चना और सरसों की बुवाई हुई है। अब गेहूं की बुवाई में तेजी आएगी। अब डीएपी की मांग भी बढऩे की उम्मीद है।

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November 7, 2024

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