देलवाड़ा. समीपवर्ती नेगड़िया पंचायत के गोरेला और सरड़ाया गांवों में 48 लाख रुपए की लागत से स्थापित नल योजना के बावजूद लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। इन दोनों गांवों की कुल आबादी आठ सौ से अधिक है, जो पीने के पानी के लिए मुंडेर दर मुंडेर भटकने और हैंडपंपों पर लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों गांवों की जुड़वा पेयजल योजना के नाम पर दो साल पूर्व 48 लाख की मदद से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने वेल व टंकी बनवाकर मौहल्लों में पाइपलाइन बिछाकर पानी पहुंचाया, लेकिन विभाग की उदासीनता से दोनों गांवों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। गांव के ललित सिंह झाला ने बताया कि नल योजना पाइप लाइन फूटने की शिकायत के चलते ज्यादातर ठप रहती है।
ढाई माह से टूटी पाइप लाइन, सुध लेने वाला कोई नहीं
ढाई माह से पाइप लाइन फूटी पड़ी है। अधिकारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में लोगों को पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है। इस लाइन को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई गई है। ऐसे में हर घल नल की केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना दम तोड़ती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पाइपलाइन फूटने की शिकायत विभाग के अधिकारियों को पहुंचाने के बावजूद इसे दुरुस्त नहीं किया गया।
एनीकट में पाइपलाइन फूटने से मरम्मत में आ रही दिक्कत
पानी नहीं आने से ग्रामीण परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ पानी टंकी में पानी नहीं पहुंचने की असल वजह पाइप लाइन फूटी होना है। गांव के एक बरसाती नाले पर स्थित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कुएं से पानी की टंकी तक पानी की जो पाइप लाइन बिछी है वो बीच रास्ते एक एनीकट से गुजर रही है। ऐसे में दस बारह फीट भरे पानी में फूटी पाइपलाइन को ठीक करने में विभाग काम करने से कतरा रहा है। हालात तो ऐसे हैं कि विभाग के पास कोई संसाधन नहीं है जिससे की इसे ठीक किया जा सके।
इनका कहना है
पाइपलाइन फूटने की शिकायत आई है। गांव की पेयजल योजना की पाइपलाइन पानी से पूरे भरे हुए एनीकट में क्षतिग्रस्त हैं। ऐसे में ठीक करने में तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उपयुक्त संसाधन जुटाकर शीघ्र नल योजना व्यवस्थित की जाएगी।
राकेश जोशी, कनिष्ठ अभियंता, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नाथद्वारा