राजसमंद। राजसमंद झील के इस वर्ष ओवरफ्लो होने की उम्मीद मंद हो गई है। बारिश का दौर बंद होने के साथ ही नंदसमंद और बागेेरी के नाका में पानी की आवक नाममात्र की रह गई है। इसके कारण राजसमंद झील तक पानी पहुंचाने वाली खारी फीडर के भी जल्द बंद होने की उम्मीद है। गोमती नदी से भी पानी की आवक नाममात्र की रह गई है।
जिले में बारिश का दौर काफी समय से थम गया है। मानसून की भी विदाई हो गई है। इसके कारण जलाशयों में भी पानी की आवक नाममात्र की रह गई है। बागेरी नाका का पानी ओवरफ्लो होकर नंदसमंद में आता है। स्थिति यह है कि वर्तमान में बागेरी का ओवरफ्लो मात्र दो इंच रह गया है। नंदसमंद में भी पानी की आवक बंद हो गई है। नंदसमंद से खारी फीडर के माध्यम से पानी राजसमंद झील में पहुंचता है। बागेरी वर्तमान में मात्र दो इंच ओवरफ्लो चलने के कारण आगामी कुछ दिनों में खारी फीडर के भी बंद होने की उम्मीद है। वर्तमान में झील का जलस्तर 26.15 फीट पहुंच गया है, जबकि झील ओवरफ्लो 30 फीट पर होती है।
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जलाशयों में कम होने लगा पानी
जिले में अच्छी बारिश के कारण कुंवारिया तालाब में 2.50 फीट से अधिक पानी की आवक हुई थी। इसी प्रकार लालपुर जलाशय में 1.80 फीट के करीब पानी पहुंच गया था। लेकिन बारिश बंद होने तेज धूप पडऩे के कारण दोनों जलाशय में पानी सूख गया है। स्वरूप सागर में इस बार पानी की आवक नहीं हुई है। इसके कारण जिले के 25 जलाशय में से 22 जलाशय में पानी उपलब्ध है।
बूंदाबांदी से भीगा शहर, छाए काले बादल
शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में शनिवार को सुबह से लेकर शाम के 4 बजे तक तेज धूप खिली रही। इसके पश्चात शाम करीब 5 बजे चहुंओर घने काले बादल छा गए। एकाएक तेज बारिश शुरू हुई, लेकिन कुछ देर बाद बारिश बंद हो गई। इससे सडक़ें भीग गई। बारिश होने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।
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